- प्रदेश के सभी विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के विकास के लिए 25 करोड़ रुपए तक करवाने का अधिकार दिया।
- 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करवाये और 7 का निर्माण कार्य पूरा करवाया।
- 59 रेलवे ऊपरगामी पुल/रेलवे भूमिगत पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण करवाया।
- सोनीपत के बड़ी में 161 एकड़ भूमि पर रेल कोच रिपेयर फैक्टरी का निर्माण कार्य पूर्ण करवाया।
- 7717 करोड़ रूपए से 18470 किमी लंबी सड़कों का सुधार करवाया।
- हिसार में बना प्रदेश का पहला एयरपोर्ट,अंतर्राष्ट्रीय हवाई हड्डा बनाने की दिशा में काम पूरा करवाया।
- दिल्ली के चारों तरफ यातायात को सुगम करने के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल और कुंडली- गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे पर यातायात शुरू करवाया।
- लगभग 70 हजार करोड़ रूपए की लागत से सराय काले खां दिल्ली- करनाल और सराय काले खां से अलवर- राजस्थान बॉर्डर के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना शुरू करवाई।
- पलवल- सोनीपत और सोहना- मानेसर के लिए 5618 करोड़ रूपए की लागत से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर मंजूर करवाया।
- सोनीपत-जींद रेलवे लाइन पर यातायात शुरू तथा रोहतक-महम-हांसी और करनाल-यमुनानगर रेलवे लाइन का कार्य शुरू करवाया।
- रोहतक में एलिवेटिड रेलवे लाइन का कार्य पूर्ण तथा कुरुक्षेत्र एलिवेटेड रेलवे लाइन का कार्य शुरू करवाया।
- खेतों में आवाजाही को सुगम बनाने के लिए पांच करम के सभी रास्तों को पक्का करने का काम करवाया।
- अंबाला और भिवानी के रिंग रोड और हिसार, करनाल, कुरूक्षेत्र, पिंजौर तथा जींद नगरों के बाइपास बनवाये।
- पानीपत नगर- सफीदों- नगुरां- उचाना- प्रभुवाला- भूना- रतिया- सरदुलगढ़- कालांवाली मंडी डबवाली को जोड़ने वाला एक नया पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेस-वे का कार्य शुरू करवाया
- इस्माइलाबाद-नारनौल ट्रांस हरियाणा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य पूर्ण करवाया।
- पंचकूला-यमुनानगर, अंबाला-कैथल, जींद-नरवाना-पंजाब सीमा तक, सोनीपत-झज्जर राष्ट्रीय राजमार्गों को चारमार्गी बनवाया।
- भिवानी-चरखी दादरी सड़क को चारमार्गी बनवाया।
- 2397 करोड़ रूपए से 5466 किमी लंबी नई सड़कों का निर्माण करवाया।
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 152डी शुरू करवाया, इससे अंबाला से जयपुर तक की यात्रा आसान हुई है। एनसीआर के ट्रैफिक का मेजर डायवर्जन हुआ और जिसके कारण प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिली। पूरे हरियाणा राज्य के चौतरफा औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास की गति को भी यह तेज करेगा।
- भारतमाला परियोजना के तहत हरियाणा में तीन जगहों पर बाईपास बनवाने को मंजूरी दिलवाई, इनमें उचाना का उत्तरी बाईपास, हिसार और जींद का बाईपास शामिल करवाये। इससे बाघोत गांव के पास 152-डी पर एंट्री एंड एग्जिट पॉइंट की सुविधा मिली।
- पंचकुला-यमुनानगर नेशनल हाईवे पर सेक्टर 26-27 डिवाइडिंग रोड को मंजूरी दिलवाई।
- गुरुग्राम-फरुखनगर-झज्जर-दादरी-लोहारू रोड को अपग्रेड करने के लिए सर्वे करवाने को मंजूरी दिलाई
- नेल्सन मंडेला मार्ग दिल्ली से एमजी रोड और गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड को जोड़ने की संभावना पर काम करवाया।
- सवा चार साल में 20 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों का सुधार कर प्रदेश का रोड नेटवर्क मजबूत करवाया।
- 15,005 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों की मरम्मत करवाकर और मजबूतीकरण किया गया, 1550 किलोमीटर नया सड़क नेटवर्क तैयार करवाया।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत लगभग 2,500 किलोमीटर ग्रामीण सड़क का आधारभूत ढांचा बेहतर करवाया।
- 1,360 किलोमीटर लम्बाई की सड़क का नाबार्ड के फण्ड से सुधारीकरण करवाया।
- करनाल, अम्बाला, पिंजौर और झज्जर समेत 12 नए बाईपास से शहरों को जाम से मिली निजात, जल्द फाटक मुक्त राज्य हरियाणा बनाने का काम किया।
- यमुनानगर शहर से पांवटा साहिब की तरफ जाने वाली सड़क पर भी वाहनों की अधिकता के कारण जाम की समस्या बनी रहती है। इस नेशनल हाइवे पर शहर में ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए जगाधरी और यमुनानगर शहर के बाहर से एक बाईपास बनाया जाए, इसके लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से स्वीकृति दिलवाई।
- चार साल में 40 से अधिक आरओबी बनवाकर शुरू करवाये।
- पिछले तीन वर्षों में राज्य में लगभग 350 ऐसे ब्लैक-स्पॉट चिन्हित, इन सभी ब्लैक स्पॉट्स पर काम चल रहा है। इनके अलावा केंद्रीय ने 300 अतिरिक्त ब्लैक-स्पॉट्स को भी ठीक करने की मंजूरी दिलवाई।
- हिसार में जल्द ही करीब 750 करोड़ रूपए की लागत से एलिवेटिड रोड के निर्माण को मंजूरी दिलवाई, इसकी डीपीआर बनवाई।
- सड़क हादसों को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी और पुलिस की पहल, एक्सीडेंट होने पर एफआईआर के साथ जिओ टैगिंग शुरू करवाई।
- बहादुरगढ़ में 13.9 किलोमीटर लम्बी एलिवेटिड रेलवे लाइन की स्वीकृति दिलवाई। वहां पर एक आरओबी, तीन अंडरपास की भी मंजूरी दिलवाई, जिससे बहादुरगढ़ में चार रेलवे फाटकों से निजात मिल जाएगी।
- दिल्ली-गुरुग्राम-फरुखनगर रेल लाइन का विस्तार करवाने के लिए फरुखनगर को नई रेल लाइन के जरिए झज्जर-रेवाड़ी-रोहतक रेल लाइन से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से सहमति दिलवाई।
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